📖 परिचय : सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi
श्रावण, नवरात्रि, एकादशी या महाशिवरात्रि जैसे व्रतों में जब सात्विक और स्वादिष्ट भोजन की बात आती है, तब सिंघाड़े के आटे की पूरी एक प्रमुख विकल्प बन जाती है। यह पूरी सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत में भी लाजवाब होती है। सिंघाड़ा, जिसे Water Chestnut कहा जाता है, प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होता है और इसमें आयरन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है।
सिंघाड़े के आटे की पूरी पेट को लंबे समय तक भरा रखती है, जिससे व्रत में एनर्जी बनी रहती है। यह खासतौर पर आलू की व्रत वाली सब्ज़ी के साथ परोसी जाती है, और दोनों की जोड़ी व्रत के भोजन को और भी स्वादिष्ट बना देती है।
इस रेसिपी में ना तो प्याज़ है, ना लहसुन, और ना ही कोई तामसिक मसाले — जिससे यह पूरी तरह सात्विक रहती है। आप इसमें उबले हुए आलू मिलाकर भी बना सकते हैं जिससे इसका स्वाद और टेक्सचर और भी बढ़िया हो जाता है।
तो अगर आप उपवास में कुछ कुरकुरा और पारंपरिक खाना चाहते हैं, तो ये सिंघाड़े के आटे की पूरी ज़रूर ट्राय करें।
🕒 तैयारी में लगने वाला समय:
- तैयारी: 15 मिनट
- पकाने का समय: 15 मिनट
- कुल समय: 30 मिनट
- यह रेसिपी 2–3 लोगों के लिए है
- प्रकार: व्रत रेसिपी
- शैली: भारतीय सात्विक भोजन
🛒 आवश्यक सामग्री:
- सिंघाड़े का आटा – 1 कप
- उबले हुए आलू – 2 मध्यम आकार के (मैश किए हुए)
- सेंधा नमक – स्वादानुसार
- हरी मिर्च – 1 बारीक कटी हुई
- हरा धनिया – 1 टेबलस्पून
- जीरा पाउडर – ½ टीस्पून
- पानी – आवश्यकता अनुसार
- देसी घी/तेल – पूरियाँ तलने के लिए

👩🍳 विधि: सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi सिंघाड़े के आटे की पूरी बनाने की विधि
- एक बर्तन में आटा, मैश किए हुए आलू, सेंधा नमक, हरी मिर्च, धनिया और जीरा पाउडर मिलाएं।
- आवश्यकता अनुसार थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर सख्त आटा गूंध लें।
- आटे को 10 मिनट ढककर रख दें।
- आटे की लोइयां बनाएं और बेलन से मध्यम आकार की पूरियाँ बेलें।
- कढ़ाई में घी या तेल गर्म करें और पूरियों को दोनों तरफ सुनहरा होने तक तलें।
- गरमा गरम व्रत वाली आलू की सब्ज़ी या दही के साथ परोसें।
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🔐 Secret Tips: सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi
- आलू अच्छे से मैश होने चाहिए, नहीं तो पूरी फट सकती है।
- आटे को ज़्यादा नरम ना गूंधें, नहीं तो पूरियाँ बेलते समय चिपक सकती हैं।
- गर्म घी में ही पूरियाँ तलें, वरना वे कुरकुरी नहीं बनेंगी।
❌ सामान्य गलतियाँ जो ना करें: सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi
- अधिक पानी डालना – इससे आटा गीला हो जाएगा और पूरियाँ बेलना मुश्किल होगा।
- ठंडे तेल में तलना – पूरियाँ तेल सोख लेंगी और कुरकुरी नहीं बनेंगी।
- कच्चे आलू या मोटे टुकड़ों का प्रयोग – इससे पूरी फटेगी।
🔄 वैरिएशन और हेल्थ बेनिफिट्स: सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi
- इसमें सेंधा नमक की जगह सादा नमक न डालें, व्रत में वर्जित होता है।
- आप इसमें कद्दूकस किया लौकी या कुट्टू के आटे का मिक्स भी कर सकते हैं।
- सिंघाड़ा आयरन, पोटैशियम और फाइबर का अच्छा स्रोत होता है जो व्रत के दौरान शरीर को हेल्दी रखता है।
❓ FAQ: सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi
Q. क्या सिंघाड़े के आटे को दूसरे आटे से बदल सकते हैं?
A. व्रत में कुट्टू, राजगिरा या सामक के आटे का भी प्रयोग कर सकते हैं।
Q. क्या इसे बिना आलू के बनाया जा सकता है?
A. हाँ, लेकिन आलू से पूरियाँ नरम और स्वादिष्ट बनती हैं।
Q. इसे पहले से बनाकर रखा जा सकता है?
A. नहीं, गरम गरम ही सर्व करना बेहतर होता है।
🍽 परोसने के सुझाव: सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi
- व्रत वाली आलू की सब्ज़ी, खीरा का रायता या मीठे दही के साथ परोसें।
- ऊपर से थोड़ा घी लगाकर पूरियों को और स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।
📝 निष्कर्ष: सिंघाड़े के आटे की पूरी Singhade ke Aate ki Puri Recipe in Hindi
सिंघाड़े के आटे की पूरी न सिर्फ व्रत के खाने में स्वाद और पौष्टिकता का मेल लाती है, बल्कि यह हमारी पारंपरिक भारतीय पाक संस्कृति का भी एक सुंदर उदाहरण है। सिंघाड़े का आटा, जो प्राचीन काल से व्रतों में इस्तेमाल होता आया है, हमारे शरीर को डिटॉक्स करता है और उपवास के दौरान एनर्जी बनाए रखता है।
इस पूरी की खास बात यह है कि यह आसानी से पच जाती है और पेट में भारीपन महसूस नहीं होता। साथ ही इसमें उबले हुए आलू का उपयोग इसकी नरमाई और स्वाद को और भी बढ़ा देता है। घी में तली गई यह पूरी जब गरमा-गरम सब्ज़ी या दही के साथ परोसी जाती है, तो इसका स्वाद यादगार बन जाता है।
व्रत में कई बार हमें लगता है कि विकल्प सीमित हैं, लेकिन ऐसी रेसिपी हमें दिखाती हैं कि स्वाद और स्वास्थ्य का संगम संभव है। आप चाहें तो इसे अलग-अलग सब्ज़ियों या रायते के साथ भी ट्राय कर सकते हैं।
इस श्रावण या आने वाले किसी भी उपवास में, जब भी कुछ खास और पारंपरिक बनाने की इच्छा हो, तो एक बार जरूर बनाएं सिंघाड़े के आटे की पूरी और इसका आनंद अपने परिवार संग उठाएं।